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गुरुजी के संस्मरण
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Topic starter
17/10/2024 12:16 pm
मैंने जगाया उन्हें!
और फिर वस्त्र पहनाये!
और चल पड़े वापिस!
उस रात वे मेरे कक्ष में ही सोयीं!
मित्रगण!
अगले दिन,
हम लौट आये!
काजल और पूजा,
अभी भी मेरे संपर्क में हैं!
बहुत अच्छी लडकियां हैं वो!
और मैं,
आज भी प्रशस्त हूँ अपने मार्ग पर!
सदैव रहूँगा!
सदैव!
---------------------------साधुवाद!----------------------
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