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प्रेत और ये मनोविज्ञान, किसी की मनः स्थिति विशेषकर एक स्त्री की....और स्त्री-स्वभाव सब मिलकर इस संस्मरण पर बार बार सोचने को मज़बूर कर देगी.🙏
जो नहीं जानता उनके लिए यह भूत प्रेत ही है,बहुत ही अच्छी जानकारी।🙏
वक्ति के किसी अंतराल को बड़ी शिद्दत से जिओ तो यादें दिलो-दिमाग में कैद सी हो जाती है,कैद कहना भी गलत है,हम उनके साथ जीने लग जाते हैं,बिरले ही लोग हृदय...
छलावा। ये शब्द एक मित्र से सुना था, पहलवानी का शौक है इसे यह भी जानता था,पर इतना शक्तिशाली है ये योनि आज संस्मरण पढ़ने पर ही ज्ञात हुआ। जय गुरूदेव।...
इस संस्मरण में प्रभु श्री और बालचंद्र(जी) के बीच जो संवाद हुआ है वह बहुत ही गूढ़ है,बार-बार चिंतन मनन करने योग्य है। और धन तो कमाया हुआ भी सगा नहीं हो...
यह संस्मरण अन्य संस्मरणों से अलग है, क्योंकि आरंभ में बाबा खंडा किसी लालच से आए हैं ऐसा प्रतीत होता है पर बाबा तो अपना शिष्य धर्म निभा रहे थे। बहुत ...
लालच किसी का सगा नहीं है,अच्छों अच्छों की मतिभ्रम कर देती है.🙏