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गुरुजी के संस्मरण
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Topic starter
04/10/2024 11:20 am
आज अमित साहब और उनका परिवार सब खुश हैं! गौरव ने अपनी पढ़ाई शुरू कर दी है, तीज-त्यौहार पर अमित साहब और गौरव आते रहते हैं मेरे पास! अमित साहब को खुश देखकर मुझे भी बहुत ख़ुशी होती है! अब सब ठीक है! उनकी बिटिया का ब्याह भी होने को ही है!
मैंने वही किया जो किया जाना चाहिए था, अन्यथा वो लड़का अपनी जान से हाथ धो बैठता! और इस से मुझे बहुत दुःख होता! गौरव के लिए भी और इस मार्ग पर लगे एक और कलंक से भी, जो बस लगने को उठ ही खड़ा हुआ था.
----------------------------------साधुवाद---------------------------------
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