वर्ष २०११ भोपाल की ...
 
Notifications
Clear all

वर्ष २०११ भोपाल की एक घटना

17 Posts
2 Users
0 Likes
288 Views
श्रीशः उपदंडक
(@1008)
Member Admin
Joined: 1 year ago
Posts: 9488
Topic starter  

से स्वर नहीं निकला, उसने अपने दोनों हाथ मेरे समक्ष फैला दिए और अपने अंगूठे मोड़ कर मुझे नमस्कार किया, मैंने उसके अंगूठों को उसके हाथ से निकाला और उसको नमस्ते करके बाहर आ गया! उसके अंगूठे मोड़ने का प्रयोजन उसको अपना शिष्य बनाना था, मैंने अंगूठे उसके बाहर निकाल कर उसको अपना उत्तर दे दिया था! 'नहीं ये संभव नहीं'

------------------------------------------साधुवाद-------------------------------------------

 


   
ReplyQuote
(@thakur-rajesh)
Eminent Member
Joined: 1 year ago
Posts: 21
 

कोटिशः नमन प्रभु 🌹🙏🏻🌹


   
ReplyQuote
Page 2 / 2
Share:
error: Content is protected !!
Scroll to Top