वीरभद्र सर्वेश्वरी ...
 
Notifications
Clear all

वीरभद्र सर्वेश्वरी साधना मंत्र बड़े-बड़े कष्ट दूर

8 Posts
5 Users
5 Likes
384 Views
श्रीशः उपदंडक
(@1008)
Member Admin
Joined: 8 months ago
Posts: 9486
Topic starter  

भगवान वीरभद्र जो कि शिव शम्भू के अवतार हैं, उनकी पूजा-उपासना करने से बड़े-बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं, वीरभद्र, भगवान शिव के परम आज्ञाकारी हैं, उनका रूप भयंकर है, देखने में वे प्रलयाग्नि के समान प्रतीत होते हैं। उनका शरीर महान ऊंचा है, वे एक हजार भुजाओं से युक्त हैं। वे मेघ के समान श्यामवर्ण हैं! उनके सूर्य के समान जलते हुए तीन नेत्र हैं। एवं विकराल दाढ़ें हैं और अग्नि की ज्वालाओं की तरह लाल-लाल जटाएं हैं। गले में नरमुंडों की माला तो हाथों में तरह-तरह के अस्त्र-शस्त्र हैं! परन्तु वे भी भगवान शिव की तरह परम कल्याणकारी तथा जल्दी प्रसन्न होने वाले है! उनकी निम्नलिखित साधना पद्धति से तत्काल फल मिलता है, "वीरभद्र सर्वेश्वरी साधना मंत्र" जो उनके "वीरभद्र उपासना तंत्र" से लिया गया है, एक स्वयं सिद्ध चमत्कारिक तथा तत्काल फल देने वाला मंत्र है, स्वयंसिद्ध मंत्र से तात्पर्य उन मंत्रो से होता है जिन्हे सिद्ध करने की जरुरत नहीं पड़ती, वे अपने आप में सिद्ध होते हैं, इस मंत्र के जाप से अकस्मात् आयी दुर्घटना, कष्ट, समस्या आदि से क्षण भर में निपटा जा सकता है, (उदाहरण- कार्यबाधा, हिंसक पशु कष्ट, डर! इत्यादि) ये तत्काल फल देने वाला मंत्र है, और साथ ही साथ ये बेहद तीव्र तेज वाला मंत्र है, इसे मजाक अथवा हंसी ठिठोली में कदापि नहीं लेना चाहिए, इसके द्वारा प्राप्त किये जा सकने वाले लाभ - (). इस मंत्र के स्मरण मात्र से डर भाग जाता है, और अकस्मात् आयी बाधाओ का निवारण होता है. जब भी किसी प्रकार के कोई पशुजन्य या दूसरे तरह से प्राणहानि आशंका हो तब इस मंत्र का बार जाप करना चाहिए. इस प्रयोग के लिए मात्र मंत्र याद होना ज़रुरी है. मंत्र कंठस्थ करने के बाद केवल बार शुद्ध जाप करें चमत्कार देंखे! (). अगर इस मंत्र का एक हज़ार बार बिना रुके लगातार जाप कर लिया जाए तो व्यक्ति की स्मरण शक्ति विश्व के उच्चतम स्तर तक हो जाती है तथा वह व्यक्ति परम मेधावी बन जाता है! (). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार १०,००० बार जप कर लिया जाए तो उसे त्रिकाल दृष्टि (भूत, वर्त्तमान, भविष्य का ज्ञान) की प्राप्ति हो जाती है! (). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार एक लाख बार, रुद्राक्ष की माला के साथ, लाल वस्त्र धारण करके तथा लाल आसान पर बैठकर, उत्तर दिशा की और मुख करके शुद्ध जाप कर लिया जाये, तो उस व्यक्ति को "खेचरत्व" एवं "भूचरत्व" की प्राप्ति हो जायेगी! मंत्र इस प्रकार है

- हं सैं चां ठं ह्र: ह्रौं ह्रौं ह्रैं क्षैं क्षों क्षैं क्षं ह्रौं ह्रौं क्षैं ह्रीं स्मां ध्मां स्त्रीं सर्वेश्वरी हुं फट् स्वाहा!


   
Kaal purush, devesh1990, Kapil solanki and 1 people reacted
Quote
(@rajkaran)
Active Member
Joined: 8 months ago
Posts: 8
 

दादा खेचरत्व एवं भूचरत्व क्या होता है? कृपा बताएं


   
ReplyQuote
(@sunilmhatre)
New Member
Joined: 8 months ago
Posts: 1
 
  1. गुरुजी मंत्र का उच्चारण कैसे करे 

   
ReplyQuote
(@vdmishra)
New Member
Joined: 8 months ago
Posts: 3
 

बहुत ही जटिल मंत्र है ये 


   
ReplyQuote
(@rajkaran)
Active Member
Joined: 8 months ago
Posts: 8
 

दादा कृप्या 1000 बार जाप करने की विधि बताएं।


   
ReplyQuote
(@thakur-rajesh)
Eminent Member
Joined: 8 months ago
Posts: 21
 

आदरणीय दादा, यदि इस मन्त्र का 10000 बार जाप करेंगे और कोई सिद्धि प्राप्त होंगी तो जैसे कि विदित है कि किसी भी सिद्धि को प्राप्त करने से रोकने के लिए बहुत सी बाधाएँ अन्य सत्ताएँ या परा शक्तियां उत्पन्न करती हैँ, इस मंत्र के करने से भी क्या ऐसा होगा?


   
ReplyQuote
श्रीशः उपदंडक
(@1008)
Member Admin
Joined: 8 months ago
Posts: 9486
Topic starter  

Posted by: @rajkaran

दादा खेचरत्व एवं भूचरत्व क्या होता है? कृपा बताएं

गुरुजी के संस्मरण में सब बताया हुआ हैै

 


   
Rajkaran reacted
ReplyQuote
श्रीशः उपदंडक
(@1008)
Member Admin
Joined: 8 months ago
Posts: 9486
Topic starter  

Posted by: @thakur-rajesh

आदरणीय दादा, यदि इस मन्त्र का 10000 बार जाप करेंगे और कोई सिद्धि प्राप्त होंगी तो जैसे कि विदित है कि किसी भी सिद्धि को प्राप्त करने से रोकने के लिए बहुत सी बाधाएँ अन्य सत्ताएँ या परा शक्तियां उत्पन्न करती हैँ, इस मंत्र के करने से भी क्या ऐसा होगा?

बिल्कुल

 


   
ReplyQuote
Share:
error: Content is protected !!
Scroll to Top