गुरु जी द्वारा बताया गया उपाय -
कन्या का विवाह न होता हो, या वर ही प्राप्त न होता हो, बात बनते बनते बिगड़ जाती हो, या अन्य कोई भी कारण हो, तो ये तांत्रिक-महाभीष्ट प्रयोग आजमाएं!
कन्या से कहें कि वो, एक सिन्दूर की डिबिया, एक बिंदी का पत्ता, एक लिपस्टिक, एक काजल की डिब्बी, माहवर, पांवों पर लगाने वाली, छोटी डिबिया अपने हाथों से खरीद ले, साथ में उसके उस समय, माँ-बाप अवश्य हों, यदि माँ न हो, तो बड़ी बहन, बड़ी बहन भी न हो, तो भाभी श्री, भाभी श्री भी न हों, तो कुनबे की कोई भी विवाहित महिला हो, ऐसे ही यदि पिता न हों, तो बड़ा भाई, वो भी न हो, तो अपने जीजा श्री, वो भी न हों तो कुनबे का कोई वृद्ध या समायु वाला पुरुष!
अब, ये सामान घर ले जाए कन्या! सामान्य स्नान करे, और उस स्नान के बाद, कोई भी साज-श्रृंगार न करे, न ही बाल बनाये, अब लड़की के पिता, बड़ा भाई, या अन्य कोई भी पुरुष वो सारा सामान कन्या के बाएं हाथ से ले ले, और उस सामान को, एक लाल रंग के सूती कपड़े में बाँध कर, किसी मेहँदी के पेड़ की जड़ के तने के पास बाँध दे, मन में इच्छा बोलें, कि माह भर में, कन्या का विवाह हो जाए, या बात चल जाए, रिश्ता आएगा, विवाह भी होगा लेकिन!
विवाह से पूर्व, कन्या उस मेहँदी के पेड़ को पांच तरह का अन्न चढ़ा दे! जैसे गेंहू के कुछ दाने, चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार या जई, व्रत वाला कोई अन्न नहीं चढ़ाना है!
विवाहोपरांत, जब डोली विदा हो जाए, तो कन्या के माता-पिता यथासम्भव भोजन खिला दें निर्धनों को! अपने घर के बाहर ही, श्वानों को, दूध पिला दें! ये महाभीष्ट प्रयोग है! सच्ची श्रद्धा से करें! फल अवश्य ही देगा! ये माँ शीतला की कृपा का प्रयोग है!